IREDA के शेयरों में 1.14 प्रतिशत की गिरावट; टियर-2 बॉन्ड से Rs. 910 करोड़ जुटाए

IREDA Share (इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी)
IREDA का शेयर मूल्य ट्रेडिंग सत्र के दौरान Rs 172 तक पहुंच गया, लेकिन दिन के अंत में शेयर नकारात्मक दायरे में बंद हुआ। ऊपरी स्तरों पर बिकवाली का दबाव देखा गया। हालांकि, IREDA ने Rs 145 के स्तर से मजबूत खरीदारी दर्ज की है और Rs 172 अब शेयर के लिए कोई प्रमुख प्रतिरोध नहीं रहेगा।
IREDA ने ग्रीन एनर्जी फाइनेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए टियर-2 बॉन्ड से Rs. 910 करोड़ जुटाए
सरकारी स्वामित्व वाली इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) ने हाल ही में टियर-2 बॉन्ड के ज़रिए Rs. 910.37 करोड़ जुटाए हैं, जो इसके वित्तीय स्थायित्व और भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह फंडिंग IREDA की पूंजी पर्याप्तता दर (CRAR) को मज़बूत करेगी और उसे दीर्घकालिक स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण में सक्षम बनाएगी। 10 वर्षों की परिपक्वता अवधि और 7.74% वार्षिक कूपन दर के साथ, इस बांड ने निवेशकों के विश्वास और IREDA की दीर्घकालिक रणनीति को बल दिया है।
रणनीतिक उद्देश्य: टियर-2 पूंजी और CRAR को मज़बूत करना
इस पूंजी जुटाव का प्राथमिक उद्देश्य है IREDA की टियर-2 पूंजी को बढ़ाना, जिससे इसकी पूंजी-से-जोखिम वज़नी संपत्ति अनुपात (CRAR) में सुधार होगा।
यह पूंजी उसे और अधिक परियोजनाओं के लिए ऋण देने की अनुमति देगी, खासकर स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में, जो पूंजी-गहन होता है। यह कदम नियामक मानकों को ध्यान में रखते हुए, एजेंसी की वित्तीय शक्ति और उधारी क्षमताओं को बढ़ाता है।
निवेशकों का विश्वास और बाज़ार की स्वीकृति
Rs. 910 करोड़ की सफल बांड बिक्री इस बात का प्रमाण है कि निवेशक समुदाय IREDA के भविष्य को लेकर आश्वस्त है। वर्तमान में जहां ब्याज दरें अस्थिर हैं, वहां इस तरह की फंडिंग वित्तीय बाज़ार में एजेंसी की साख को दर्शाती है।
IREDA के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने कहा, “यह फंडिंग हमें ग्रीन एनर्जी फाइनेंसिंग को गति देने में सहायता करेगी,” और इसे भारत के 2030 के 500 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल क्षमता लक्ष्य के अनुरूप बताया।
भारत के 500 GW लक्ष्य को वित्तपोषण
भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है, और IREDA इस दिशा में एक केंद्रीय भूमिका निभा रही है।
सौर, पवन, लघु जलविद्युत, जैव ऊर्जा और अब ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में इसकी वित्तीय भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस नई पूंजी से एजेंसी अपनी ऋण क्षमता और परियोजना वित्तपोषण गति को बढ़ा सकती है।
वित्तीय अनुशासन: 10 वर्ष की परिपक्वता और 7.74% कूपन दर
10 वर्ष की परिपक्वता और 7.74% कूपन दर एक संतुलित संरचना प्रदान करती है, जिससे दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे के ऋण और निवेशकों की रिटर्न अपेक्षाओं के बीच संतुलन बना रहता है।
यह संरचना जीवन बीमा कंपनियों, पेंशन फंड्स और म्यूचुअल फंड्स जैसे दीर्घकालिक निवेशकों को आकर्षित करती है, जो एक भरोसेमंद सरकारी संस्था से स्थिर रिटर्न चाहते हैं।
IREDA: भारत की नवीकरणीय ऊर्जा अर्थव्यवस्था का स्तंभ
IREDA भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था है, जो खासतौर पर स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को वित्त प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
यह एजेंसी न केवल ऋण उपलब्ध कराती है, बल्कि इसने समय के साथ विशेषज्ञता, तकनीकी मूल्यांकन और वित्तीय मॉडलिंग में भी विशेषज्ञता प्राप्त की है—जो इसे पारंपरिक बैंकों से अलग बनाती है।
ESG रुझानों और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखण
जब वैश्विक निवेशक ESG (पर्यावरण, सामाजिक, और शासन) मानदंडों को प्राथमिकता दे रहे हैं, IREDA का फोकस भी ग्रीन फाइनेंस और टिकाऊ पूंजी बाजार पर है।
भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और जलवायु लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता इस संस्था के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है।
आगे की राह: नवाचार और विस्तार
हालांकि पूंजी जुटा ली गई है, लेकिन IREDA को क्रेडिट जोखिम, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव और नियामकीय परिवर्तनों के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।
भविष्य में एजेंसी से अपेक्षा की जाती है कि वह ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी स्टोरेज और अपतटीय पवन ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में भी ऋण देने की पहल करे।