जीएमआर एयरपोर्ट्स (GMR Airports) ने दिल्ली एयरपोर्ट में बढ़ाई हिस्सेदारी, शेयर में रिकवरी की उम्मीद

जीएमआर एयरपोर्ट्स

जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड ने अपनी हिस्सेदारी 64% से बढ़ाकर 74% कर ली है, जिसके तहत कंपनी ने जर्मनी की फ्रैपोर्ट एजी से 10% हिस्सेदारी 126 मिलियन डॉलर में अधिग्रहित की। यह सौदा सितंबर 2023 में घोषित किया गया था और अब सभी नियामक मंजूरियों के बाद पूरा हो गया है।

हालांकि, इस बड़ी डील के बावजूद, जीएमआर एयरपोर्ट्स का शेयर शुक्रवार को 1.5% गिरकर बंद हुआ और यह अब अपने साल के निचले स्तरों के करीब कारोबार कर रहा है। पिछले छह महीनों में शेयर की कीमत में लगभग 20% की गिरावट आई है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्टॉक 80 रुपये के स्तर से ऊपर बंद होता है, तो इसमें मजबूती देखने को मिल सकती है।

दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जीएमआर की मजबूत पकड़

इस अधिग्रहण के बाद, जीएमआर एयरपोर्ट्स का दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) में स्वामित्व 74% हो गया है, जबकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की हिस्सेदारी 26% बनी हुई है।

इस कदम के जरिए, जीएमआर ग्रुप अपने बुनियादी ढांचे से जुड़े मुख्य परिसंपत्तियों पर नियंत्रण मजबूत कर रहा है। इससे कंपनी को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) के संचालन, वित्तीय निर्णयों और दीर्घकालिक विस्तार योजनाओं पर अधिक अधिकार मिलेगा।

दिल्ली एयरपोर्ट का महत्व और जीएमआर के लिए फायदे

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का सबसे व्यस्त और प्रमुख हवाई अड्डा है। इसे एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत संचालित किया जाता है, जहां जीएमआर प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

इस हिस्सेदारी में वृद्धि के कुछ प्रमुख लाभ:

  • वित्तीय नियंत्रण में मजबूती: जीएमआर अब राजस्व धारा को बेहतर ढंग से नियंत्रित कर सकेगा और लागत प्रबंधन को और प्रभावी बना सकेगा।
  • विस्तार योजनाओं को बढ़ावा: दिल्ली एयरपोर्ट का विस्तार कार्य चल रहा है, जिसमें टर्मिनल 1 के अपग्रेड और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार शामिल हैं।
  • भविष्य के विकास के लिए बेहतर स्थिति: भारत में विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, और इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ जीएमआर के लिए दीर्घकालिक लाभदायक साबित हो सकती है।

शेयर पर असर: क्या रिकवरी संभव है?

जीएमआर एयरपोर्ट्स का शेयर शुक्रवार को 1.37% गिरकर 72.70 रुपये पर बंद हुआ। पिछले छह महीनों में इसमें लगभग 20% की गिरावट देखी गई है। हालांकि, तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि यदि स्टॉक 80 रुपये के स्तर को पार कर लेता है, तो यह एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।

तकनीकी विश्लेषण के मुख्य बिंदु:

  • प्रमुख समर्थन स्तर: स्टॉक अपने वार्षिक निचले स्तर के पास कारोबार कर रहा है, जिससे 70 रुपये का स्तर महत्वपूर्ण हो गया है।
  • ब्रेकआउट पॉइंट: यदि स्टॉक 80 रुपये के स्तर से ऊपर बंद होता है, तो इसमें सकारात्मक तेजी देखने को मिल सकती है।
  • बाजार धारणा: दिल्ली एयरपोर्ट पर बढ़ी हुई हिस्सेदारी निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, जिससे स्टॉक में उछाल आ सकता है।

भारतीय विमानन क्षेत्र: जीएमआर के लिए आगे की संभावनाएं

भारत में विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, और घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है।

जीएमआर के दीर्घकालिक विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण कारक:

  1. यात्री ट्रैफिक में वृद्धि: भारत में हवाई यात्रा की मांग बढ़ रही है, जिससे हवाई अड्डों पर यात्री आवागमन में दोहरे अंकों की वृद्धि देखी जा रही है।
  2. हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे का विस्तार: भारत सरकार हवाई अड्डों के उन्नयन और निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, जिससे निजी ऑपरेटरों को लाभ होगा।
  3. नियामक परिवर्तन: हवाई अड्डे की शुल्क संरचना, अनुबंध और परिचालन नियमों में बदलाव जीएमआर की आय को प्रभावित कर सकते हैं।

क्या जीएमआर एयरपोर्ट्स का स्टॉक रिकवरी करेगा?

जीएमआर एयरपोर्ट्स द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का निर्णय एक दीर्घकालिक रणनीतिक कदम है, जिससे कंपनी की परिचालन शक्ति में इजाफा होगा। हालांकि, निवेशकों को यह देखना होगा कि शेयर 80 रुपये के प्रमुख स्तर को पार करता है या नहीं।

यदि यह स्तर पार होता है, तो यह एक सकारात्मक संकेत हो सकता है और स्टॉक में मजबूती देखने को मिल सकती है। लंबी अवधि के लिए, जीएमआर की यह हिस्सेदारी वृद्धि एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो कंपनी के लिए भविष्य में बड़े अवसर खोल सकती है।

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